तेजा दशमी : Teja Dashmi 2025, वीर तेजाजी महाराज की पूजा, महत्व और तिथि

Teja Dashmi 2025: जानें वीर तेजाजी महाराज की आरती, पूजा विधि और महत्व

भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में अनेक ऐसे लोकदेवता हैं जिनकी आस्था आज भी गाँव–गाँव और शहर–शहर तक गहरी जड़ें जमाए हुए है। इन्हीं में से एक हैं वीर तेजाजी महाराज, जिन्हें राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा में बड़े श्रद्धा भाव से पूजा जाता है। तेजा दशमी का पर्व हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह पर्व मंगलवार, 2 सितम्बर 2025 को मनाया जाएगा।

Teja Dashmi 2025

Teja Dashmi 2025 की तारीख और दिन

  • तिथि: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशमी
  • ग्रेगोरियन कैलेंडर: 2 सितम्बर 2025, मंगलवार
  • इस दिन ही राजस्थान में रामदेव जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए कई जगहों पर मेलों और भक्तिभाव का उत्सव दोगुना हो जाता है।

वीर तेजाजी महाराज कौन थे?

तेजाजी या वीर तेजाजी एक राजस्थानी लोक देवता हैं। उन्हें शिव के प्रमुख ग्यारह अवतारों में से एक माना जाता है और राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा आदि राज्यों में देवता के रूप में पूजा जाता है।

मानवविज्ञानी कहते हैं कि तेजाजी एक नायक है जिन्होने जाति व्यवस्था का विरोध किया।

  • उन्हें विशेष रूप से सर्पदंश (साँप के काटने) से बचाने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है।
  • राजस्थान के गाँवों में लोग मानते हैं कि यदि तेजाजी की सच्चे मन से पूजा की जाए तो विष का प्रभाव शांत हो जाता है।
  • तेजाजी महाराज का जीवन संघर्ष, बलिदान और लोकसेवा का प्रतीक है।

जन्म

विक्रम संवत 1130 माघ सुदी शुक्ल पक्ष चौदस अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 29 जनवरी 1074 को श्री वीर तेजाजी महाराज का जन्म दिवस मनाया जाता है उनके पिता राजस्थान में नागौर जिले के खरनाल के मुखिया तहाड जी थे।

उनकी माता का नाम रामकंवरी था।, तेजाजी के माता और पिता भगवान शिव के उपासक थे। माना जाता है कि माता राम कंवरी को नाग-देवता के आशीर्वाद से पुत्र की प्राप्ति हुई थी। जन्म के समय तेजाजी की आभा इतनी मजबूत थी कि उन्हें तेजा बाबा नाम दिया गया था।


विवाह

तेजाजी का विवाह पेमल से हुआ था, रायमल जी मुथा की पुत्री थी, जो गाँव पनेर के प्रमुख थे। पेमल का जन्म बुद्ध पूर्णिमा विक्रम स॰ 1131 (1074 ई॰) को हुआ था। पेमल के साथ तेजाजी का विवाह पुष्कर में 1074 ई॰ में हुआ था जब तेजा 9 महीने के थे और पेमल 6 महीने की थी। विवाह पुष्कर पूर्णिमा के दिन पुष्कर घाट पर हुआ। पेमल के मामा का नाम खाजू-काला था, जो धोल्या परिवार से दुश्मनी रखता था और इस रिश्ते के पक्ष में नहीं था। खाजू काला और ताहड़ देव के बीच विवाद पैदा हो गया। खाजा काला इतना क्रूर हो गया कि उसने उसे मारने के लिए ताहड़ देव पर हमला कर दिया। अपनी और अपने परिवार की रक्षा के लिए, ताहड़ देव को तलवार से खाजू काला को मारना पड़ा। इस अवसर पर तेजाजी के चाचा असकरन भी उपस्थित थे। यह घटना पेमल की माँ को ठीक नहीं लगी जो अब ताहड़ देव और उसके परिवार से बदला लेना चाहती थी।

Information Source: wikipedia.org visit to know more……..

Teja Dashmi 2025 का महत्व

  • इस दिन श्रद्धालु तेजाजी मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं और दूध, नारियल, गुड़ और चूरमा का भोग लगाते हैं।
  • जगह–जगह मेलों और भजन कीर्तन का आयोजन होता है।
  • ग्रामीण इलाकों में लोग अपनी पशुधन और फसलों की समृद्धि के लिए तेजाजी से आशीर्वाद मांगते हैं।
  • कई जगहों पर तेजाजी के मंदिरों में रातभर जागरण और झांकियां भी निकाली जाती हैं।

राजस्थान और मध्यप्रदेश में विशेष उत्सव

राजस्थान के नागौर, अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा और जोधपुर जिलों में तेजा दशमी का विशेष महत्व है। यहाँ बड़े-बड़े मंदिर मेलों का आयोजन होता है, जहाँ हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
मध्यप्रदेश के धार, उज्जैन और रतलाम जिलों में भी ग्रामीण समाज में यह पर्व बड़ी श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है।


तेजा दशमी और रामदेव जयंती

दिलचस्प बात यह है कि तेजा दशमी के दिन ही रामदेव पीर जी की जयंती भी मनाई जाती है। इसलिए राजस्थान में इस दिन को दोहरी आस्था का पर्व माना जाता है। दोनों ही लोकदेवता आमजन के रक्षक माने जाते हैं और गरीबों, किसानों तथा पीड़ितों की सहायता के प्रतीक माने जाते हैं।


Teja Dashmi 2025: पूजा कैसे करें

  1. प्रातः स्नान कर तेजाजी महाराज के मंदिर जाएं।
  2. दूध, गुड़ और नारियल अर्पित करें।
  3. तेजाजी की कथा सुनें या भजन-कीर्तन में शामिल हों।
  4. पशुधन और परिवार की सुरक्षा व समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगें।

वीर तेजाजी महाराज की आरती Teja Dashmi 2025

थारा हाथ माहि कलश बड़ो भारी कुवर तेजाजी हावो साबत सुरा ओ..

धौरे धौरे आरती उतारू थाकी तेजा ओ..

लीलो घोड़ो असवारो कुवर तेजाजी

हां वो सावत सुरा ओ..

धौरे धौरे आरती उतारू थाकी तेजा ओ..

सावली सूरत काना मोती कुंवर तेजाजी ओ.. हां वो..

परियो थे कोट जरी को कुंवर तेजाजी. हां वो.

बांध्यो थे तो पंचरंग पागा कुंवर तेजाजी.. हां वो

थारा गला में झूमे वासक राजा कुंवर तेजाजी . हा वो.

कलयुग जोत सवाई कुवंर तेजाजी हां वो.

खेड़े खेड़े देवली बनाय कुंवर तेजाजी. हां वो.

बेटे है यों जाट को ने अमर कमायो नाम रे.

नौमी धारी रात जगावा कुंवर तेजाजी, हां वो..

दशमी को मेलों भरवे कुंवर तेजाजी . हां वो

नौमी धरा सु दूध चढ़ावा कुंवर तेजाजी.

दसमी रो चूरमो चढ़ावा कुंवर तेजाजी.

बाला की तांती बँधावा कुंवर तेजाजी.

काला रा खायोड़ा आवे कुंवर तेजाजी.

भैरूजी नारेल चढ़ावा कुंवर तेजाजी.

मीणा ने मार भगाया कुंवर तेजाजी.

बांध्या थे ढाल गेडा कुँवर तेजाजी.

धारा हाथ में ही भालों बीजण सारो कुंवर तेजाजी.

धन धरी जामण जांवो कुंवर तेजाजी.

पाणी री छनयारी धारी धरम केरी बेनवा वो हां वो.

गावे थाने लोग लुगाया कुंवर तेजाजी

धौरे धौरे आरती उतारू थाकी तेजा ओ..

Teja Dashmi 2025 (तेजा दशमी 2025) सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि ग्रामीण समाज की आस्था, विश्वास और लोक संस्कृति का हिस्सा है। वीर तेजाजी महाराज की पूजा हमें साहस, सत्य और लोकसेवा की प्रेरणा देती है। इस साल Teja Dashmi 2025, 2 सितम्बर को मनाया जाने वाला यह पर्व निश्चित ही श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा और सामाजिक एकता का अनुभव कराएगा। Teja Dashmi 2025

Scroll to Top